देवास। राधे महिला मण्डल द्वारा आवास नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहूति हवन-पूजन के साथ हुई। मुख्य यजमानो ने हवन कर आहूतियां दी। अतिम दिवस कथा में श्री कृष्ण के प्रिय भक्त बाल सखा श्री सुदामा जी के चरित्र की कथा पं. नारायण प्रसाद ओझा ने भाव विभोर एवं हृदय को छूने वाली कथा सुनाते हुए कहा कि सुदामा जी का जीवन जीने का अपना एक नियम था।
सुदामा जी के जीवन में अनेक प्रकार के दुख आये। उसके पश्चात भी सुदामा जी ने अपने आदर्शो से समझौता नहीं किया। दरिद्र जीवन यापन किया। विकट परिस्थितियों में भी सुदामा जी ने हरि नाम का सुमिरन नहीं छोड़ा। सुदामा जी के चरित्र को अगर जीव अपने जीवन में धारण कर ले तो उस जीव को प्रभु मिलन हो जायेगा। मनुष्य को जब भी संतो के सानिध्य का अवसर मिलता है तो उसे हरि इच्छा का प्रसाद समझ कर गृहरण करना चाहिए। जह पर भी सत्संग मिले उस सत्संग के साहरे मानव को हरि दर्शन कि प्राप्ति का मार्ग खुलता है। हवन में बैठे जोड़ो द्वारा आरती सम्पन्न हुई। व्यासपिठ को प्रणाम कर के भक्तों ने आर्शीवाद लिया। उसके पश्चात माहप्रसादी का वितरण किया।